आज य़हा कल वहा हाहाकार हुआ….
आज इसका कल उसका बलात्कार हुआ…
छौंड दो गिन्ना अब उँग्लिओ पे…
आज बाहर तो कल घर मै शिकार हुआ…
क्यु मुँह छिंपाके भागे सोपके हवाले उनके…
क्यु ना रुके बोला की मुझपे वार कर पेहले उनके…
फीर क्यु अपना पन बादमे जताया…
जब साथ देना ही न हीं था तो क्यु तसली देके सताया…
लडकी बनगयी ये गुनहा था मेरा…
दरीन्दो को मोका मिला ये आशिर्वाद था उसका…
हस हस्के जब किया मेरा शोशन…
कर दिया तुमने तो आज देश का नाम रोशन…
सलाम है कालियत पे तुमहारे…
जब सोशन कर सकते हो दिनदहाडे हमारे…
क्या तुम्हरी मा क्या तुम्हरी बहन अब सब पे हख है तुमहारा…
हर रोज़ एक आता है तब भी मोमबतियो से जयादा ना कुछ हो पाता है….
कुँछ टी.वी. का तो कुँछ फ़िल्मो का हाथ बताते है…
कुँछ लडकीयो के पेहनावे का दोश बताते है…
ये तो तरीके है अपनी गलतियो को छीपने का वरना…
कहा लोग आपने को भेडीये बताते है…
पिघलता है मोम और जलता है ढागा…
लडकी का बाप रेह्ता है पूरी रात जागा…
कौन जाने फ़िर किसकी बेटी के लिये जलेगी मोमबती…
करे तो क्या करे वो बेचारा अभागा….
आज केह्ता हूँ मे ये वचन…
ना कभी होने दुनगा किसीका सोशन….
करता हूँ हिम्मत को तेरे नमन…
दुनगा साथ तेरे हर जनम…
image credits: https://www.theodysseyonline.com/discussion-about-rape
Click on his name to know more about Vivek Loya
Great….speechless🙌🙌🙌🙌
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Ty
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Nice 👌👌👏👍
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Nice 👌 👌 👍
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such a meaningful lines.. its a need to preserve ur thoughts !
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