काश ये सब ऐसे होता… – By Akshobhya Bellurkar

मेरे अंदर आग लगाकर , वो जो इतना खामोश है,
काश वो भी होता, जितना मेरा दिल मदहोश है ,
मेरे अंदर रहने वाले काश तेरे अंदर मै भी होता ,
काश ये सब ऐसे होता ….

ख्वाहिशो मे मै चलता हु ,ख्वहिशो मे तु चलता है ,
मुझको तेरी इकतर्फा ख्वहिश, शायद मुझको ये खलता है ,
मेरे ख्वाबो मे बसने वाले काश तेरे ख्वाबो मे मै भी होता
काश ये सब ऐसे होता ….

काफी कुछ आता है दोनोको ,काश सताना नही आता,
मुझे छुपाना नही आता, तुम्हे जताना नही आता,
काश मेरी रुसवाई पे मुझे मनाने तु होता ….
काश ये सव ऐसे होता …

तुझको बाहों मे थामना ,ये तो मेरी आदत है ,
मुझे गले लगाना, काश तेरी फितरत मे होता,
मेरी जन्नत खुद बननेवाले ,काश तेरी मन्नत मै होता
काश ये सब ऐसे होता ….

काफी बंधन है दुनिया मे ,काश मेरी जमानत तु होता,
काबिल हो जाता खुदके ही मै,जो मेरी अमानत तु होता,
काश मेरी हर पंक्ती का भाव तुझे समझ आता,
काश ये सब असे होता …..
काश ये सब ऐसे होता …..

image credits: https://www.theodysseyonline.com/wishes-for-you-for-2016

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